Thursday, August 14 ,2025

Symptoms of Pregnancy - पहले महीने की प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण और संकेत।


symptoms of pregnancy in first month in hindi

प्रेगनेंसी यानी गर्भावस्था की खबर की पुष्टि होने के बाद दम्पति का जीवन खुशियों से भर जाता है। दोस्तों और परिवार के सदस्य दम्पति को शुभकामनाएं, प्रार्थनाएं और बधाई देने लगते हैं। हर कोई गर्भावस्था से जुड़ी बातों के बारे में बताने लग जाते हैं। ऐसे में कई बार बहुत सी कन्फ्यूजन होने लगती है की के सही है या क्या ग़लत। ऐसा में कोई भी कदम उठाने से डर लगने लगता है जो कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए कहीं खतरनाक साबित न हो जाए। ऐसा खासतौर पर तब होता है जब महिला पहली बार गर्भवती होती हैं, क्योंकि उस समय गर्भावस्था से जुड़ी चीजों के बारे में ज्यादा और सही जानकारी नहीं होती है। इसलिए गर्भावस्था की शुरुआत में ही प्रेगनेंसी के लक्षण या संकेत से जुड़ी बातों के बारे में सही तरीके से जानना जरूरी है।

गर्भावस्था का पहला महीना बहुत खतरनाक होता है इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती चार हफ्तों में महिला के शरीर के अंदर बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं और पीरियड्स के कितने दिनों के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देते हैं यह भी एक सवाल रहता है। यह सभी लक्षण सामान्य हैं इसलिए महिला को किसी तरह से डरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है। आज के इस ब्लॉग के ज़रिए गर्भावस्था के पहले महीने, इसके दौरान आने वाले लक्षणों, आहार यानी डाइट और कुछ सावधानियों के बारे में पर चर्चा करेंगे। गर्भावस्था का पहला महीना गर्भधारण से पहले शुरू हो जाता है। गर्भधारण के समय को गर्भधारण से पहले के जो आखिरी मासिक धर्म होता है उसके पहले दिन से ही शुरू माना जाता है और अगले महीने की उसी तारीख को खत्म भी हो जाता है। 

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प्रेगनेंसी में पहले महीने के क्या लक्षण होते हैं? (symptoms of pregnancy in first month in hindi​)

गर्भावस्था का पहला महीना शुरू होते ही महिला को अपने अंदर कई तरह के बदलाव और लक्षण महसूस होने लग जाते हैं। कई बार इन लक्षणों का कारण सही से समझ में नहीं आ पाता है या महिला समझ नहीं पाती हैं। अगर महिला अपनी गर्भावस्था की पुष्टि का इंतज़ार कर रही हैं, तो आगे बताएं हुए लक्षणों को अनुभव करने के बाद किसी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर, इस बात की पुष्टि कर सकती हैं।

पीरियड्स न आना या मिस होना

महिला की गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है पीरियड्स का न आना सबसे बड़ा संकेत माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही महिला गर्भधारण करती हैं, तो उनके शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन शुरू हो जाता है, जिसके कारण उनके पीरियड्स बंद हो जाते हैं। इसलिए महिला के पीरियड्स का न आना उनकी गर्भावस्था का संकेत देता है।

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स्तन संवेदनशीलता और निप्पल का रंग बदलना

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है की महिला के निप्पल के रंग में बदलाव और स्तनों में संवेदनशीलता आ जाती है। इस दौरान, महिला को अपने स्तनों को छूने पर दर्द या संवेदनशीलता महसूस हो सकती है और महिला यह भी दिखेगा कि उनके निप्पल का रंग उड़ गया है। यह लक्षण आम हैं और महिला के मासिक धर्म से पहले के लक्षणों जैसे ही होते हैं। इनसे घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।

ऐंठन और खून के धब्बे

निषेचन यानी फर्कीटिलाइजेशन प्रक्रिया में, अंडा खुद ही गर्भाशय के संपर्क में आ जाता है, जिस वजह से महिला को अपने शरीर में कुछ ऐंठन और खून के धब्बे महसूस या दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर महिला अपने गुप्तांगों की सफ़ाई करते समय इनका अनुभव कर सकती हैं। गर्भावस्था के पहले महीने में यह लक्षण सामान्य माने जाते हैं, इसलिए आपको इनसे डरने या घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर आपको ज़्यादा परेशानी हो रही है, तो आप किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इस बारे में खुलकर बात कर सकती हैं।

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सीने में जलन 

गर्भावस्था की शुरुआत में महिला के शरीर में होने वाले विभिन्न हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, महिला को एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन का अनुभव हो सकता है। गर्भावस्था में पेट दर्द के यह लक्षण बहुत आम हैं और कुछ समय बाद अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। आपको इसके बारे में ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन आपको अपने खान-पान पर थोड़ा विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।

गंध की अनुभूति

गर्भावस्था के दौरान, महिला की गर्भधारण करने की क्षमता काफ़ी बढ़ जाती है। इस दौरान शरीर में होने वाले बदलावों के कारण नाक काफ़ी संवेदनशील हो जाती है। सूंघने के बाद, अगर आपको कुछ चीज़ें पसंद आती हैं, तो वही कुछ चीज़ों से नफ़रत भी हो सकती है।

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मूड में बदलाव 

गर्भावस्था के दूसरे हफ़्ते के लक्षण में गर्भावस्था के दौरान अचानक मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, छोटी-छोटी बातों पर खुश होना या फिर छोटी-छोटी बातों पर दुखी होना आम बात हो जाती है। आप कभी हँस भी सकती हैं और तो  कभी दुखी भी हो सकती हैं। ऐसे में आपको अपनी भावनाओं पर ध्यान देना चाहिए।

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इसके सिवा भी महिला अपने अंदर और भी काफी लक्षण को महसूस कर सकती है या देख सकती हैं। आइए अब उनके बारे में जानते हैं:- 

  • कब्ज की समस्या होना

  • बार-बार उलटी होना

  • जी मिचलाना की समस्या 

  • चक्कर आने की समस्या 

  • सिर में दर्द रहना 

  • पेट में सूजन हो जाना

  • बार बार पेशाब आना 

  • मॉर्निंग सिकनेस 

  • फुंसी और मुहांसों का होना

  • थकावट होना 

  • कमजोरी महसूस होना

  • याददाश्त में कमजोरी आना 

  • सांस लेने में तकलीफ महसूस होना

  • तेज भूख लगना

  • अधिक प्यास लगना

  • शरीर में दर्द होना

  • ऐंठन होना

  • खान पान में बदलाव आना

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गर्भावस्था के पहले महीने के लिए आहार

जैसा कि हम बता चुके हैं कि गर्भावस्था के पहले महीने में हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर में कई तरह के बदलाव और लक्षण दिखाई देते हैं। इन स्थितियों में कमज़ोरी, एनीमिया, बदन दर्द, आलस्य, तनाव, धुंधली दृष्टि और कई अन्य समस्याओं का अनुभव होता है। इसलिए, खुद को स्वस्थ रखने और सभी समस्याओं से बचने के लिए, गर्भावस्था के इस चरण में अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

गर्भावस्था के दौरान आप अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और अन्य लाभकारी तत्वों को शामिल करके इन सभी समस्याओं से बच सकती हैं और खुद के साथ-साथ अपने बच्चे को भी स्वस्थ रख सकती हैं। आइए जानते हैं उन सभी खास चीजों के बारे में जिनको आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकती है।

  • अपने आहार में विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और अन्य सभी तत्व शामिल करें जो कि आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए फायदेमंद हों। आप दूध, अन्य दूध उत्पाद, दालें, अंकुरित अनाज, अंडे और मांस आदि का सेवन कर सकती हैं।

  • गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहने के लिए आयरन आवश्यक है। इसकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए आप अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अनार, लीची, अंजीर और किशमिश जैसी चीजों को शामिल कर सकती हैं।

  • गर्भावस्था के दौरान अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए आप फाइबर युक्त भोजन का सेवन कर सकती हैं। साथ ही, आप दिन भर में जितना हो सके उतना पानी और जूस का सेवन कर सकती हैं। यह कब्ज की समस्या को दूर करते हैं और आपको हमेशा हाइड्रेटेड रखते हैं।

  • अपने आहार में फल, साबुत अनाज, सलाद, छिलके वाली मूंग दाल और अन्य चीजें शामिल करें। इन सभी में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होता है, जो गर्भावस्था के दौरान आपके लिए बहुत फायदेमंद है।

  • अगर किसी भी चीज़ से एलर्जी होने पर पहले डॉक्टर से बात करें और फिर उस चीज़ को अपने आहार में इस्तेमाल करें।

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नोट: 

गर्भावस्था के लक्षण के सिवा अन्य कारणों भी हो सकते हैं, इसलिए अगर संदेह है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो डॉक्टर से मिलें और प्रेगनेंसी टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से परामर्श लें। 

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।